Social Dilemma”
वो खींच लेते हैं आबरू ,सड़क पर
और संकोच तक नही है ,जताने को
हम गली तक क्या गए ,दिलरुबा संग
बड़ी हैरत है, ज़माने को !!
वो खींच लेते हैं आबरू ,सड़क पर
और संकोच तक नही है ,जताने को
हम गली तक क्या गए ,दिलरुबा संग
बड़ी हैरत है, ज़माने को !!
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